आईए जानते हैं एंटीबायोटिक के वर्गीकरण के बारे में:-
एंटीबायोटिक का वर्गीकरण किस प्रकार है:-
• पेनिसिलिन
• कार्बापनेम्स
• सैफैलोस्पोरिन
• पाली पेप्टाइड
• एरिर्थोमाइसिन
• रिफैमाइसिन आदि ।
आइए जानते हैं एंटीबायोटिक का उपयोग कैसे करना चाहिए?
• एंटीबायोटिक को हमेशा समय के अनुसार ही लेना चाहिए ताकि कोई दुष्प्रभाव न पड़।
• इसको लेने के बाद हमें दोबारा तब तक लेने की आवश्यकता नहीं होती जब तक की फिर से बैक्टीरियल इन्फेक्शन ना हो जाए।
• इसके साथ साथ हमें एक्सरसाइज भी करना चाहिए जिससे कि अंदर बैक्टीरिया ग्रोथ बिल्कुल भी ना हो जिससे कि हमारा इम्युन सिस्टम सही से काम करें।
• एंटीबायोटिक का उपयोग हमेशा सदा पान के साथ ही करना चाहिए गर्म यां ठंडा पानी के साथ नहीं करनी चाहिए।
आईए जानते हैं एंटीबायोटिक कब लिया जाता है?
एंटीबायोटिक लेने की आवश्यकता है कुछ इस प्रकार है कि:-
• जब मूत्र पथ में बैक्टीरियल इनफेक्शन हो जाए तो हम इसे ले सकते हैं।
• सर्दी खांसी हो या दर्द हो तो इसे डाक्टर कि सलाह से लिया जा सकता है।
• जब स्ट्रेप थोट हो तो एंटीबायोटिक का उपयोग किया जा सकता है।
• अगर आपको कोई की समस्या हो तो एक बार अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं अगर उनकी राय है की एंटीबायोटिक लेना होगा तभी एंटी बायोटिक का उपयोग करें।
आईए जानते हैं एंटीबायोटिक का दुष्प्रभाव क्या होता है?
अगर हम जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक लेंगे तो हमें कई प्रकार के दुष्प्रभाव को झेलना पड़ता है जैसे कि:-
• उल्टी आने कि समस्या होना।
• पाचन क्रिया से संबंधित बीमारियों का सामना करना।
• पेट में अक्सर दर्द रहना।
• खाना खाने में परेशानियों का सामना करना।
• सर मैं अक्सर दर्द होने लगाना आदि।
• अगर ऐसे कुछ लक्षण एंटीबायोटिक खाने के बाद दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें और इस बारे में संपूर्णरूप से बताएं और उनकी राय ले।
क्या गर्भावस्था में एंटीबायोटिक का सेवन किया जा सकता है?
क्या स्तनपान के दौरान एंटीबायोटिक लिया जा सकता है।
स्तनपान के दौरान एंटीबायोटिक लेना खतरनाक हो सकता है इसको लेने से पहले आप डॉक्टर से संपर्क करें और सही राए लेने के बाद ही फैसला करें कि आपको लेनी चाहिए या नहीं।
एंटीबायोटिक और एंटीवायरल में क्या अंतर होता है?
उम्मीद है आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद!







कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें