समय के साथ साथ बदलाव हि प्रकृति का नियम होता है समय के साथ-साथ न बदले  तो हमें कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक डिमेंशिया यानी मनोभ्रम है आईए जानते हैं

डिमेंशिया यानी मनोभ्रम क्या होता है?

डिमेंशिया जिसे मनोभ्रम रोग के नाम से जाना जाता है यह जीवन के अंतिम समय में होने वाला रोग है जिसमें इंसान कि समझने, सोचने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगते हैं यह अधिकतर वृद्धा अवस्था में होने वाला रोग है।

आईए जानते हैं डिमेंशिया के क्या लक्षण होते हैं?

• समय के साथ धीरे-धीरे  समझने की क्षमता कम होती जाना।

• सही फैसला ना कर पाना तथा बोलने में दिक्कत होना।

• किसी भी काम या चीजों में दिलचस्पी न दिखाना।

• भोजन का सही स्वाद ना  ले पाना।

• देखने ,सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होते जाना।

• समय के साथ  याददाश्त कमजोर होते जाना।

• चीजों को भूलने की बीमारी धीरे-धीरे बढ़ते जाना।

डिमेंशिया यानी मनोभ्रम के क्या कारण होते हैं?


• वृद्ध अवस्था में होने वाला रोग है यानी उम्र के साथ साथ बढ़ता रहता है।

• जब अल्जाइमर हो तो इसके होने की संभावना अधिक हो जाती है अक्सर यह  मरीजों में देखा जाता है

• किसी बीमारी की दवाइयों को अक्सर लंबे समय तक लेने से भी इस बीमारी का सामना करना पड़ जाता है।

आईए जानते हैं डिमेंशिया यानी मनोभ्रम की जांच कैसे होती है?


इसकी जांच
 निम्न प्रकार से कि जाती है:-

• मेग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग MRI

• Ct,PET मस्तिष्क इमेजिंग

• रक्त परीक्षण आदि

आइए जानते हैं कि डिमेंशिया यानी मनोभ्रम का उपचार क्या होता है इसे हम कैसे रहता पा सकते हैं?

इसका कोई उपचार नहीं होता यह वृद्धावस्था में होने वाला रोग है पर  हम कुछ तरीके के द्वारा इस पर काबू जरूर पा सकते हैं जैसे कि 

• सही आहार के द्वारा


सही आहार के द्वारा हम इसको आसानी से काबू में कर सकते हैं जब  हमारा आहार सही होता है तब हमारे पाचन क्रिया में अधिक समस्या नहीं होती जिस वजह से हमारे मस्तिष्क पर गहरा  प्रभाव नहीं और हमें इससे राहत मिलने लगता है।

• कम स्ट्रेस लेना 


हमें जितना हो सके कम स्ट्रेस लेनी चाहिए लोगों के साथ मिल कर रहने से हमारे दिमाग पर प्रभाव न पड़ता , और इससे राहत मिलने लगता है जितना हो सके मैं दिमाग को किस न किसी काम मैं व्यस्त रखने की कोशिश करनी चाहिए।

• रोजाना योग के द्वारा 


रोजाना योग के जरिए हम किसी भी बिमारी  पर काबू पा सकते हैं योग से हमारा मन, दिमाग और आत्मा तीनों ही सही तरीके से काम करने लगती है और स्वस्थ रहती है जिस वजह से हमें हमारे दिमाग पर कोई भी गहरा प्रभाव नहीं पड़ता और हमें कोई भी बीमारियों का सामना भी नहीं करना पड़ता।

• सही दवाइयों के द्वारा 


अगर आप इसका इलाज करवा रहे हैं तो डॉक्टर से इसका सही दवा ले और उसको सही समय पर खाएं जो हमारे मस्तिष्क को सही कर सकता है जिससे कि हमें डिमेंशिया यानी मनोभ्रम जैसी समस्या का सामना न  करना पड़े। 

उम्मीद है आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा

धन्यवाद!

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